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बिहार विशेष निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की 5 साल की कार्रवाई रिपोर्ट: 2025 में टूटा रिकॉर्ड, भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई
- Reporter 12
- 26 Dec, 2025
पटना।बिहार विशेष निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने 2021 से 2025 तक की कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अब तक सबसे अधिक भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। इस वर्ष आय से अधिक संपत्ति और रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ अधिकारियों को पकड़ा गया। यह अभियान ब्यूरो के महानिदेशक जितेंद्र सिंह गंगवार के नेतृत्व में चलाया गया।
5 साल में कार्रवाई का सारांश
विशेष निगरानी इकाई का गठन राज्य में भ्रष्टाचार निवारण और सरकारी तंत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2025 में अब तक 27 प्राथमिकी दर्ज की गई, जिनमें से:
15 मामले आय से अधिक संपत्ति से संबंधित।
12 मामले रिश्वत लेते रंगे हाथ (ट्रैप केस) से जुड़े।
ब्यूरो ने स्पष्ट किया कि यह बीते वर्षों की तुलना में सर्वाधिक कार्रवाई है।
आय से अधिक संपत्ति मामलों में प्रमुख कार्रवाई
22 जनवरी 2025 – बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के आवास से ₹3.55 करोड़ नकद और ₹2.75 करोड़ के जमीन के कागजात बरामद।
6 मार्च 2025 – नालंदा के जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार दास के आवास पर ₹2 करोड़ मूल्य के सोने-चांदी-हीरे के आभूषण बरामद।
15 अप्रैल 2025 – अंचलाधिकारी प्रिंस राज के आवास पर ₹28.02 लाख की आय से अधिक संपत्ति बरामद; मैट्रिक का फर्जी दस्तावेज भी मिला।
30 अप्रैल 2025 – रिशु श्री संजीव हंस और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सरकारी ठेका हेराफेरी और रिश्वत के आरोप में कांड दर्ज; संजीव हंस को पटना हाई कोर्ट से जमानत मिली।
8 मई 2025 – पूर्व विधायक अरुण यादव, किरण देवी, राजीव कुमार रंजन, दीपु कुमार आदि के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज।
3 जून 2025 – कटिहार की लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्वेता मिश्रा पर ₹80.11 लाख की आय से अधिक संपत्ति के आरोप में कार्रवाई।
23 जून 2025 – पटना के तत्कालीन संभागीय वन पदाधिकारी सुबोध कुमार गुप्ता के खिलाफ ₹1.54 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई; छापामारी में विदेशी मुद्रा, नकद और सोने के जेवरात बरामद।
रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए अधिकारी
जनवरी से दिसंबर 2025 में 12 अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।
इसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हैं, जिनसे लाखों रुपए, सोना-चांदी और बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट बरामद किए गए।
सितंबर से दिसंबर 2025 की कार्रवाई
10 सितंबर – मुजफ्फरपुर के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक बीरेंद्र नारायण पर ₹3.25 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति के आरोप में कांड दर्ज।
7 अक्टूबर – विद्युत कार्यपालक अभियंता प्रणव कुमार पर ₹1.59 करोड़ की अप्रत्यानुपातिक संपत्ति के आरोप में कार्रवाई।
20 नवंबर – वित्त विभाग के अधिकारी मुमुक्षु कुमार चौधरी पर ₹2 करोड़ जब्त।
20 नवंबर – सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता तरनी दास पर ₹8.57 करोड़ की जब्ती।
22 नवंबर – उत्पाद शुल्क अधीक्षक अनिल कुमार आजाद पर ₹1.58 करोड़ की संपत्ति और सोने-चांदी बरामद।
15 दिसंबर – भवन निर्माण विभाग के निदेशक (गुणवत्ता नियंत्रण) पर ₹2.82 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति के आरोप में कार्रवाई; छापामारी में कुल ₹3.41 करोड़ के जमीन के दस्तावेज बरामद।
निगरानी ब्यूरो का संदेश
ब्यूरो ने साफ किया है कि सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी इकाई को और अधिक मजबूत किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सभी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
2025 की कार्रवाई ने यह साबित किया है कि बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी सख्त और प्रभावी बनी हुई है, और भविष्य में भी सरकारी तंत्र में जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
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